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फरीदाबाद में बढ़ते संपत्ति कर और कचरा संग्रह शुल्क का निवासियों पर प्रभाव

फरीदाबाद में हाल के वर्षों में संपत्ति कर और कचरा संग्रह शुल्क में वृद्धि ने निवासियों पर वित्तीय दबाव बढ़ा दिया है। ग्रेटर फरीदाबाद के 27 सेक्टरों में अब प्रॉपर्टी टैक्स लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य नगर निगम की आय बढ़ाना और विकास कार्यों को प्रोत्साहित करना है।


इसके अतिरिक्त, नगर निगम ने सरकारी इमारतों के लिए संपत्ति कर में दी गई 25% छूट को समाप्त कर दिया है, जिससे अब सरकारी विभागों को पूरा कर भुगतान करना अनिवार्य हो गया है। बकाया संपत्ति कर की वसूली के लिए नगर निगम ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है, जिसके तहत कई इकाइयों को सील किया गया है। कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, नगर निगम ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 35 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है, जिससे कचरा प्रबंधन प्रणाली में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

इन सभी उपायों के बावजूद, निवासियों की शिकायतें जारी हैं, विशेष रूप से संपत्ति कर में असमान शुल्क वसूली और कचरा प्रबंधन में निरंतर समस्याओं को लेकर। स्थानीय निवासी और समाजसेवी लगातार इन मुद्दों को उठाते रहे हैं, लेकिन सुधार की गति धीमी रही है। इस प्रकार, फरीदाबाद में संपत्ति कर और कचरा संग्रह शुल्क के बढ़ते बोझ ने निवासियों की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, और नगर निगम को इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

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