राजस्थान: राजस्थान पुलिस ने आखिरकार निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तारी उनके ही गांव से की गई। मीणा को गिरफ्तार करने के लिए भारी संख्या में पुलिस टोंक पहुंची। मीणा को गिरफ्तार कर पुलिस अपने साथ ले गई। इस दौरान उनके समर्थकों ने इसका विरोध किया और बवाल काटा। पुलिस ने समर्थकों को हटाने के लिए बल का प्रयोग किया। साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
बुधवार को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग के दौरान मीणा ने चुनावी ड्यूटी में तैनात SDM को थप्पड़ जड़ दिया। घटना के बाद जमकर बवाल हुआ। जिसके बाद पुलिस गुरुवार को आखिकार मीणा को गिरफ्तार कर लिया।
एसडीएम को क्यों मारा था थप्पड़?
टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर हो रहे उपचुनाव के दौरान कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मालपुरा के एसडीएम अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ मार दिया. नरेश मीणा लगातार चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे थे कि ईवीएम मशीन पर उनका चुनाव चिह्न ठीक से नजर नहीं आ रहा था और वह हल्का दिखाई दे रहा है. इस मुद्दे को लेकर दोनों के बीच तीखी कहासुनी हुई, जिसके बाद नरेश मीणा ने अपना आपा खो दिया और एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया. इसी मामले को लेकर धरने पर बैठे नरेश मीणा की मांग थी कि कलक्टर मौके पर आएं और उनकी मांगों को सुन किसी तरह का आश्वासन दें.
भोजन और गद्दों को लेकर बढ़ा विवाद
बताया जा रहा है कि धरने पर बैठे नरेश मीणा के समर्थकों के लिए भोजन और गद्दों से भरी पिकअप को जब पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो नरेश मीणा भड़क उठे. इस दौरान वो एसपी सांगवान से उलझ गए. ऐसे में जब पुलिसकर्मियों ने नरेश मीणा को पकड़ने की कोशिश की तो उनके समर्थकों ने बवाल कर दिया. समर्थकों के बीच नरेश मीणा को वहां से बच निकले, लेकिन उसके बाद पथराव आगजनी से हालात पूरी तरह बिगड़ गए.
पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ के बाद लगाई थी आग
पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए. इस बीच नरेश मीणा के समर्थकों ने गांव में रखे सूखे चारे के ढेरों में आग लगाए जाने के अलावा पुलिस के दो वाहनों, एक अन्य गाड़ी और करीब 10 बाइकों को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान पुलिस को घेरकर किए गए पथराव में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.
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